सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बहुत खुशी की खबर आ गई है। आठवें वेतन आयोग को लेकर हमारी सरकार की तरफ से ऐलान किया गया है। ऐसे में अब 8वे पे कमीशन को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। तो अगले साल से सभी सरकारी कर्मियों की सैलरी में संशोधन होगा।
बताते चलें कि देश के पीएम मोदी ने हाल ही में आठवें वेतन आयोग को लेकर मीटिंग की है और इसके बाद 8वे पे कमीशन को मंजूरी दे दी गई है। तो ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों को और पेंशन भोगियों को पता होना चाहिए कि आठवें वेतन आयोग के तहत सैलरी में वृद्धि का फार्मूला क्या होता है।
तो अगर आप एक केंद्रीय कर्मचारी हैं या फिर पेंशन भोगी हैं, तो आपके लिए वह ऐतिहासिक पल आ गया है जिसका आपको लंबे समय से इंतजार था। 8वे पे कमीशन से संबंधित पूरी जानकारी पाने के लिए हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए और जानिए आठवें वेतन आयोग से संबंधित सारी ताजा जानकारी।
8th Pay Commission News
केंद्रीय कर्मियों को लंबे समय से यही इंतजार था कि सरकार कब आठवें वेतन आयोग की घोषणा करेगी। तो जानकारी के लिए बता दें कि आठवें वेतन आयोग को अब हमारी केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। बताते चलें कि अब सभी पेंशन भोगियों और मौजूदा सरकारी कर्मचारियों को इसके तहत लाभ मिलेगा।
यहां आपको यह भी जानकारी दे दें कि वर्ष 2026 तक आठवें वेतन आयोग की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। सभी कर्मचारियों की मांग को देखते हुए देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण फैसले को कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिया है।
वेतन आयोग की जानकारी
सरकारी कर्मचारी और पेंशन भोगियों के लिए वेतन आयोग बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरअसल यह एक उच्च श्रेणी की कमेटी है जिसे केंद्र सरकार द्वारा गठित किया जाता है। इस समय हमारे देश में सातवां वेतन आयोग लागू है और इसे साल 2014 में गठित करने के बाद वर्ष 2016 से इसकी सिफारिश से लागू कर दी गई थी।
दरअसल वेतन आयोग का जो मुख्य उद्देश्य होता है वह यह तय करना होता है कि कर्मचारियों को महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार उचित सैलरी दी जाए। इस प्रकार से यह वेतन इतना होना चाहिए कि सेवानिवृत अधिकारी और मौजूदा सरकारी कर्मी सम्मान के साथ अपना जीवन गुजार सकें।
तो वेतन आयोग विशेष रूप से सरकारी कर्मचारियों के उत्थान के लिए सैलरी में सुधार करता है। इस प्रकार से आयोग द्वारा कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और दूसरे फायदों को इनके आर्थिक कल्याण हेतु सुधारा जाता है।
कैसे गठित होता है वेतन आयोग
जो नियम है इसके अनुसार वेतन आयोग को हर 10 वर्ष के बाद गठित किया जाता है। परंतु ऐसा करने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती क्योंकि देश की आर्थिक स्थितियों को देखते हुए, सरकार चाहे तो इसका गठन 10 साल का समय पूरा होने से पूर्व या फिर इसके बाद भी कर सकती है।
दरअसल नए वेतन आयोग का गठन कर्मचारियों की आवश्यकता के अनुसार किया जाता है। इस तरह से कोई उच्च पदस्थ अधिकारी या फिर न्यायाधीश इसका प्रमुख व्यक्ति होता है। इसके साथ ही इसमें और भी दूसरे सदस्य शामिल होते हैं जोकि अर्थशास्त्र, मानव संसाधन प्रबंधन, वेतन, वित्त जैसे क्षेत्रों के माहिर माने जाते हैं।
आठवें वेतन आयोग का फायदा किन्हें नहीं मिलेगा
वैसे तो 8वे पे कमीशन की प्रतीक्षा सभी सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को है। परंतु इसके अंतर्गत भी सरकार द्वारा सभी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके तहत आठवें वेतन आयोग का लाभ निम्न कर्मचारियों को नहीं होगा :-
- पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलेगा।
- ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारियों को भी नए वेतन आयोग से फायदा नहीं दिया जाएगा।
- ग्रामीण डाक सेवक के पद पर काम करने वाले लोगों को भी वेतन आयोग का फायदा नहीं दिया जाएगा।
- कुछ विशेष और ऊंचे पद पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारी जैसे कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज भी वेतन आयोग के लाभ नहीं ले पाएंगे।
वेतन आयोग के तहत सैलरी में वृद्धि का फार्मूला
जब वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने की बात आती है तो बहुत सारे पहलुओं पर सोचा जाता है। बताते चलें कि देश की मौजूदा महंगाई की स्थिति को भी सरकार अनदेखा नहीं करती है। इस तरह से वेतन आयोग के तहत वेतन में जो वृद्धि की जाती है इसमें सबसे ज्यादा देश की वित्तीय हालत और महंगाई पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके अलावा अभी और भी बहुत से पहलू हैं जो सैलरी में बढ़ोतरी निर्धारित करते हैं :-
- यह देखा जाता है कि देश में इस समय महंगाई कितनी बढ़ गई है और सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स पर इसका क्या असर पड़ रहा है।
- केंद्र सरकार नए वेतन आयोग को लागू करते समय अपने देश की वित्तीय स्थिति पर भी गौर करती है। यदि देश की इकोनॉमी अच्छी होती है तो इसमें सैलरी ज्यादा बढ़नें की संभावना रहती है।
- वेतन आयोग के तहत यह भी देखा जाता है कि कौन से सरकारी कर्मचारी अपने काम को लेकर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल इसके तहत सरकारी कर्मियों की काम करने की क्षमता का प्रभाव नए वेतन आयोग की सिफारिशों पर पड़ता है।
- पे कमीशन के द्वारा इस बात को भी देखा जाता है कि जो निजी कंपनियां है वे अपने कर्मचारियों के वेतन में कितनी वृद्धि कर रही हैं। ऐसा करके सरकार एक प्रतिस्पर्धी सैलरी को आसानी से निर्धारित कर पाती है।
वेतन आयोग कैसे करता है सिफारिशें
अब सवाल यह है कि वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन भोगियों की सैलरी और भत्तों में वृद्धि को लेकर सिफारिश कैसे करता है, तो इसके बारे में जानकारी नीचे दी गई है :-
- सरकारी कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी में बढ़ोतरी की सिफारिश की जाती है।
- मौजूदा कर्मचारियों के कार्य की परिस्थितियों में सकारात्मक सुधार की सिफारिश होती है।
- कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन योजनाओं में सुधार करने पर जोर दिया जाता है।
- भत्तों में वृद्धि के लिए सिफारिश की जाती है।
- नए सरकारी कर्मियों हेतु भर्ती की प्रक्रिया और सैलरी में सुधार करने की सिफारिश की जाती है।
- सरकारी कर्मियों हेतु प्रशिक्षण प्रोग्राम की सिफारिशें की जाती हैं।
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