ईपीएफओ रूल्स चेंज कर दिए गए हैं और इसका प्रभाव सभी भारतीय कर्मचारियों पर पड़ने वाला है। बताते चलें कि कर्मचारी भविष्य नीति संगठन ने इस बार बहुत से नियमों को बदला है।
ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अनुभव को बढ़ाया जा सके, समस्त प्रक्रियाओं को सही से व्यवस्थित किया जा सके और इसके अलावा कर्मचारियों और एंपलॉयर के बीच में पारदर्शिता को सुधारा जा सके।
तो अगर आप एक निजी या सरकारी विभाग में काम करने वाले व्यक्ति हैं तो आपको हमारा आज का यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने कौन-कौन से नए रूल बनाए हैं। इसके अलावा हम आपको इसके संबंध में और भी अन्य जानकारी देंगे जो आपके काफी काम आएंगी।
EPFO Rules Change 2025
यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं तो आपका प्रति महीने पीएफ अकाउंट में पैसा अवश्य जमा होता होगा। जानकारी के लिए बता दें कि नए साल की शुरुआत होते ही इस प्रक्रिया में बहुत से बदलाव होने वाले हैं।
इसके अंतर्गत हम आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस साल बहुत से महत्वपूर्ण बदलाव करने वाला है। जब यह नए नियम लागू किए जाएंगे तो इसका असर हमें ऐसे सभी कर्मचारियों पर देखने को मिलेगा जो निजी कंपनियों में काम करते हैं।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भारत के कर्मचारियों की फाइनेंशियल सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सके। इस तरह से ऐसे कर्मचारियों का भविष्य पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और मजबूत बनाया जाएगा। इतना ही नहीं सब कर्मचारियों का रिटायरमेंट भी सुनिश्चित किया जाएगा।
ईपीएफओ रूल्स चेंज के तहत एटीएम कार्ड
ऐसी खबरें मिली है कि ईपीएफओ की तरफ से एटीएम कार्ड को जारी किया जाएगा। इस प्रकार से सदस्य एटीएम कार्ड की मदद से 24 घंटे पैसे निकालने की सुविधा प्राप्त कर पाएंगे। देखा जाए तो कर्मचारियों के लिए इस सेवा को लाया गया है ताकि इन्हें पैसे की आवश्यकता पड़ने पर किसी प्रकार की समस्या ना होने पाए।
बताते चलें कि अभी रिपोर्ट्स के अनुसार ही ऐसी जानकारी मिल रही है कि ईपीएफओ के द्वारा एटीएम से पीएफ का पैसा निकालने की सुविधा दी जाएगी। इसको लेकर कहा जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष के समय इस सेवा को लागू कर दिया जाएगा।
ईपीएफओ रूल्स चेंज के द्वारा कर्मचारी की अंशदान सीमा
रिपोर्ट के अनुसार यह भी कहा जा रहा है कि कर्मचारियों की ईपीएफ अंशदान सीमा को भी खत्म कर दिया जाएगा। बताते चलें कि मौजूदा समय में कर्मचारी प्रति महीने अपनी बेसिक सैलरी का तकरीबन 12% ईपीएफ खाते में जमा कर देते हैं।
इस तरह से अब ईपीएफओ के द्वारा यह विचार किया जा रहा है कि अब 15000 रूपए का इस्तेमाल करने के बजाय, सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी वास्तविक सैलरी के अनुसार ही अंशदान करना होगा।
इक्विटी लिमिट को बढ़ाया जाएगा
यह भी खबरें आ रही है कि ईपीएफओ के द्वारा ईटीएफ आय के एक भाग को, शेयर बाजार में या फिर अन्य जगहों पर निवेश करने के बारे में सोचा जा रहा है। इसके बारे में यह कहा जा रहा है कि जो नया वित्त वर्ष आएगा, तब इस नए रूल को लागू करने की संभावना दिखाई दे रही है।
ईपीएफओ रूल्स चेंज के मुताबिक पेंशन
लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया के द्वारा पेंशन को लेकर काफी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। बताते चलें कि इनके द्वारा सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम यानी सीपीपीएस को स्वीकृति दी गई थी। इस प्रकार से इसके मुताबिक 7.8 मिलियन सदस्यों के द्वारा किसी भी बैंक की ब्रांच से कर्मचारी पेंशन योजना के माध्यम से पेंशन प्राप्त की जा सकती है। इसको लेकर जो नियम बनाया गया है इसे 1 जनवरी 2025 से लागू कर दिया जाएगा।
पेंशन के लिए जारी की गई डेडलाइन
Employees’ Provident Fund Organisation की तरफ से पेंशन को लेकर भी डेडलाइन को जारी किया गया है। इसके लिए ईपीएफओ ने 31 जनवरी 2025 अंतिम डेट रखी गई है। ऐसे में इस समय तक कर्मचारियों की सैलरी का विवरण अपलोड करने का समय रखा गया है।
इसके अलावा ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को अधिक पेंशन प्राप्त करने हेतु, आवेदन के लिए 15 जनवरी 2025 तक का समय दिया गया है। यदि इसके बाद आप अपना आवेदन जमा करते हैं तो वह रद्द कर दिया जाएगा और स्वीकार नहीं होगा।
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